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माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी |
अपने संबोधन में वे इस बात को इंगित किया कि कोरोना रूपी यह महामारी लंबे वक्त तक रहेगा और यह लड़ाई लंबी चलने वाली है. और उन्होंने संकेत दिया कि लॉक डाउन 4.0 जोकि 18 मई से होगी. लेकिन इस लॉकडाउन का रूप रंग बिल्कुल ही अलग होगा. उनके कहने का तात्पर्य यह था कि लॉक डाउन के साथ-साथ विकास की गति को भी आगे बढ़ाना है. देश अभी मुश्किल दौर से गुजर रहा है. लाखों-करोड़ों गरीब लोगों पर आजीविका का संकट गहरा हो गया है. उनका इशारा इस तरफ था अब कोरोना से लड़ाई के साथ साथ इस भूख गरीबी से भी मुकाबला करने के लिए संपूर्ण देशवासियों को खड़ा हो जाना चाहिए.
इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन्होंने स्वदेशी और स्वावलंबन पर जोर दिया. उनके विचार से यदि राष्ट्र को इन चुनौतियों का सामना करना है तो वह स्वदेशी अपना कर ही किया जा सकता है. उन्होंने जो ब्लूप्रिंट तैयार किया है उसमें गरीब मध्यमवर्ग और छोटे उद्योग धंधों से लेकर बड़े उद्योग धंधों के लिए एक राहत पैकेज की घोषणा की है.
जो कि अब तक भारतीय इतिहास में सबसे बड़ी राहत पैकेज है. 20 लाख करोड़ का यह राहत पैकेज हमारे जीडीपी का 10% है. उन्होंने देश को बतलाया कि कैसे इस करोना संकट से पहले देश में N 95 मास्क और PPE किट का उत्पादन बिल्कुल नग्न होता था. लेकिन देश ने इस चुनौती को स्वीकार किया जिसके परिणाम स्वरूप आज इस छोटे से काल में ही प्रतिदिन 2 लाख N 95 मास्क और PPE किट का उत्पादन शुरू हो गया है. उनके कहने का मतलब था कि स्थानीय उत्पादन ही देश के काम आता है.
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N 95 Mask |
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PPE kit |
यह सुखद संयोग है की नियति ने भारतवर्ष के बड़े बड़े कामों को करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को चुना.
इतिहास उनकी प्रतीक्षा कर रहा है कि उनके नेतृत्व में देश आत्मनिर्भर स्वाबलंबी और विकास के पथ पर अग्रसर हो. जिससे कि समाज के सभी वर्गों का कल्याण हो और समाज के अंतिम व्यक्ति तक को इसका लाभ मिल सके.
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