मौसम का मिजाज
सुबह का वक्त खिड़की से आती मंद-मंद शीतल पवन के झोंके , चिड़ियों की मधुर कलरव ध्वनि से आज मेरी नींद टूटी.रात को हुई बारिश से ठंड का एहसास हो रहा हैं . आसमान में कुछ बादल भी लगे हुए हैं. मई के महीना में मौसम का यह रूप किसी हिल स्टेशन की तरह लग रहा है. लॉकडाउन की बजह से वायु प्रदूषण अपने न्यूनतम स्तर पर है. जिस कारण से शुद्ध एवं स्वच्छ प्राणवायु नवीन ऊर्जा और स्फूर्ति से भर दे रही है.
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भोर की पहली किरण
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इस महीने में गर्मी अपने चरम पर होता था और अभी तक ए. सी और पंखे की जरूरत होती थी. बिना पंखा चलाएं हुए आप रह नहीं सकते थे. इस महीने में अभी तक इस तरह की नौबत नहीं आई है. मेरी स्मृति में मई महीने में मौसम का यह रूप अभी तक देखने को नहीं मिली थी. 15 मई के बाद हाईकोर्ट में ग्रीष्मकालीन अवकाश हो जाता हैं लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से 21 मार्च से ही हम लोग छुट्टी पर हैं. अभी तक लोग किसी हिल स्टेशन पर छुट्टियां बिताने के लिए योजना तैयार रहे होते थे. परंतु इस बार लॉकडाउन की वजह से आवागमन का साधन बिल्कुल ही बाधित हो गया है. लोगों को अपने घर पर ही रहकर छुट्टियां बितानी पड़ेगी. मौसम चक्र बिल्कुल ही परिवर्तित हो गया है.ऐसा लगता है कि प्रकृति अपने मंथन काल में है. इस बार गर्मी कम पड़ना यह तो समझ में आता है कि लॉकडाउन की बजह से प्रदूषण का स्तर बहुत कम हुआ है . परंतु ऋतु चक्र का यह परिवर्तन बेमौसम बरसात हमारे किसान भाइयों के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है. पता नहीं इस बार प्रकृति अपना क्या-क्या रूप दिखलाएगी??
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